• Recent

    श्रेष्ठा संकल्पना और धैर्य

    श्रेष्ठा संकल्पना और धैर्य

     परम सद्गुरु प्यारे ओशो की संकल्पना को पूरा होने में भी 10 साल लगे. इस'से सम्बंधित उनका एक पत्र जो "संकल्पना के रहस्य " को प्रगट करता है ---


    संस्कृत महाविद्यालय, रायपुर
    23 सितम्बर 1957

    पूज्य डरिया जी,

                         मैं परसों' यहाँ आया हूँ. मेरी नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा संस्कृत महाविद्यालय में हो गई है.परसू'न ही महाविद्यालय ज्वयीन कर लिया था.हस्ताक्षर करते समय मन बड़ा दुखी था,लगता है की जैसे की स्वतंत्रता के क्षण समाप्त हो रहे हैं.कॉलेज में पढ़ना बड़ा मृत सा लगता है,वह जीवन का कोई संदेश नहीं देता है.मै अपने  ' अंतर'मन में जानता हूँ की मै इस सबके लिए नहीं हूँ, किन्तु उस क्षण की राह तो देखनी ही होगी,जिस दिन की मै उस कार्य में लग सकूँगा जो की वस्तुतः मेरे मैं 'को " मैं ' " बनाएगा, उस दिन मै "द्विज" बनूँगा. मेरा दूसरा जन्म होगा. मैं वस्तुतः जन्मूँगा. उस दिन के लिए निरंतर प्रार्थना कर रहा हूँ.

                        सत्या कैसा है? सबको मेरा स्नेह. मैं  05-06 अक्टूबर. तक घर पहुँच रहा हूँ.शेष शुभ है. पूज्य लाल साहब व अन्यों को मेरा आदर.आप क्या कर रहे हैं? लिखिए.